भगवान हनुमान को पानी का बिल जमा न कराने पर जारी किया नोटीस

कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ राज्य में भगवान श्रीराम का ननिहाल है. कहा जाता है कि माता कौशल्या छत्तीसगढ़ की रहने वाली थीं। उस भगवान राम के ननिहाल से उनके परमभक्त बजरंग बली को पानी का बिल न चुकाने के आरोप में नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में बजरंग बली को 15 दिनों का समय देते हुए दफ्तर में आकर बिल चुकाने की हिदायत दी गई है। चेतावनी दी गई है कि ऐसा न करने पर उनका कनेक्शन काटकर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। मामला सामने आने के बाद बीजेपी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया है और इसे हिंदू देवी-देवताओं का अपमान बताया है।


रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ के शहर रायगढ़ में लोगों पर पानी का बिल काफी चढ़ गया है। इन बिलों की वसूली के लिए रायगढ़ नगर निगम पिछले कई दिनों से अभियान चला रहा है। इसके लिए शहर भर में डिफॉल्टरों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। रायगढ़ के टिकरापारा इलाके में भगवान हनुमान का मंदिर बना हुआ है। बताया जाता है कि मंदिर पर 400 रुपये का पानी का बिल बकाया है। निगम प्रशासन मंदिर प्रबंधन को भी नोटिस भेज रहा था लेकिन लापरवाही करते हुए मंदिर प्रबंधन के बजाय बजरंग बली के नाम से नोटिस जारी कर दिया गया।


नोटिस में भगवान हनुमान को आदेश दिया गया है कि आप पर 400 रुपये का पानी का बिल बकाया है। इस धनराशि को नोटिस डिलीवर करने वाले तामीलकर्ता को न दिया जाए। इसके बजाय बजरंग बली खुद ही 15 दिनों के अंदर नगर निगम के दफ्तर में पेश हों और सहायक राजस्व निरीक्षक को यह धनराशि जमा करवाएं। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि अगर बजरंग बली ऐसा करने में विफल रहते हैं तो नियमानुसार उनसे सरचार्ज और जुर्माने की राशि भी वसूल की जाएगी। साथ ही कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी की जा सकती है।
रायगढ़ नगर निगम की यह लापरवाही सामने आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर करारा हमला बोल दिया है। बीजेपी के जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने कहा कि निगम की कार्रवाई को हिंदू देवी-देवताओं का अपमान बताया है। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं से इस पर माफी की मांग की है। मामले के तूल पकड़ने के बाद नगर निगर प्रशासन को सांप सूंघ गया है। लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए निगम प्रशासन ने अब नोटिस में बदलाव की बात कही है। निगम अफसरों का कहना है कि नोटिस में भगवान हनुमान का नाम भूलवश दर्ज हो गया। अब यह नाम हटाकर मंदिर प्रबंधन के नाम से नोटिस जारी किया जाएगा


बता दें कि छत्तीसगढ़ में यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी जांजगीर-चांपा जिले में सिंचाई विभाग ने भगवान शिव को अतिक्रमण मामले में नोटिस भेजा था। असल में विभाग अपनी जमीन पर मंदिर निर्माण करने पर उसके प्रबंधन को नोटिस जारी करना चाहता था। लेकिन लापरवाही बरतते हुए भगवान शिव के नाम से नोटिस जारी कर दिया गया। नवंबर-2021 में जारी किए गए नोटिस में लिखा था कि भगवान शिव ने जांजगीर शाखा नहर की 1988 वर्गफीट जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है। शासन के आदेशानुसार सरकारी जमीन पर कब्जा करना अपराध की श्रेणी में आता है। लिहाजा उस अतिक्रमण को तुरंत हटा लिया जाए वर्ना पुलिस आपके खिलाफ कार्रवाई करेगा। यह मामला भी तूल पकड़ गया था, जिसके बाद विभाग की काफी किरकिरी हुई थी।

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