इस्लामाबाद , 01 अगस्त । नवाज शरीफ के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आज पाकिस्तान को केयरटेकर पीएम के रूप में एक चेहरा मिल जाएगा। पीएमएल-एन ने इसके लिए शाहिद खकान अब्बासी को नामित किया है। उनका चुना जाना अब पूरी तरह से तय है क्योंकि विपक्ष के एकजुट न होने की वजह से भी उनकी जीत पक्की मानी जा रही है। इसमें जीत के लिए पीएमएल-एन को इसके लिए 172 सदस्य चाहिए। हालांकि अब्बासी को इसके लिए कई सदस्यों का समर्थन मिला हुआ है, लिहाजा उनकी जीत तय है। वहीं दूसरी ओर अब्बासी के खिलाफ मैदान में उतरने वालों में पीपीपी के सैयद खुर्शीद शाह और सैयद नाविद कमर के अलावा आवामी मुस्लिम लीक के शेख राशिद अहमद, जमात ए इस्लामी के साहिबजादा तरिकुल्ला और एमक्यूएम के किश्वार जेहरा का नाम सामने है। कुल मिलाकर इसके लिए छह उम्मीद्वार मैदान में हैं।
पीएमएल-एन की हालत पतली
लेकिन इसके बावजूद नवाज की पार्टी और पाकिस्तान की हालत लगातार पतली होती जा रही है। आलम यह है कि वहां पर नवाज की पार्टी पीएमएल (एन) ने केयरटेकर पीएम को लेकर जिनका नाम तय किया है वह भी भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त हैं और नेशनल अकांउटेबिलिटी ब्यूरो मामले की जांच कर रही है। अब्बासी लिक्विड नेचुरल गैस इंपोर्ट का कांट्रेक्ट देने के मामले में 220 बिलियन के भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं। यह मामला 2015 का है जब अब्बासी पेट्रोलियम मंत्री हुआ करते थे।
एनएबी के दस्तावेज
एनएबी के दस्तावेजों में कहा गया है कि वर्ष 2013 में एलएनजी इंपोर्ट और डिस्ट्रीब्यूशन का ठेका देने में सभी नियमों और कानूनों को ताक पर रखा गया था। दस्तावेजों के मुताबिक इसका ठेका देने में सार्वजनिक खरीद विनियामक प्राधिकरण (क्कक्कक्र्र) के नियमों और कानूनों का उल्लंघन किया गया। इस मामले में एनएबी ने 29 जुलाई 2015 को मामला दर्ज किया था। अब्बासी पर अपने पद का दुरुपयोग करने और देश को वित्तीय नुकसान पहुंचाने का आरोप है। इस पूरे मामले को अब्बासी ने झूठ का पुलिंदा करार देते हुए कहा है कि जो लोग उनपर आरोप लगा रहे हैं उन्हें जरा अपने गिरेबां में भी झांक कर देखना चाहिए कि वह क्या हैं।