INDIA :पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल पहुंचे भारत !

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने भारत पहुंच चुके हैं. ये बैठक गोवा में चार और पांच मई को होगी. इस बैठक में रूस और चीन के विदेश मंत्री भी शामिल होंगे. ऐसे में जानते हैं कि बिलावल भुट्टो का भारत आना कितना… अहम है? गोवा में 4 और 5 मई को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक होने जा रही है. वैसे तो 1947 से ही भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं. लेकिन बिलावल भुट्टो का दौरा ऐसे वक्त हो रहा है जब रिश्ते सबसे बुरे दौर में चल रहे है … कई सालों से भारत और पाकिस्तान के नेताओं ने एक-दूसरे देश की यात्रा भी नहीं की है.

ऐसे में जानते हैं कि बिलावल भुट्टो का ये भारत दौरा कितना अहम है? इस दौरे का मकसद क्या है ? पाकिस्तान को इससे क्या फायदा होगा पाकिस्तान के विदेश मंत्री का भारत आना अपने आप में काफी अहम है. 12 साल बाद पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री भारत आया है. भुट्टो से पहले 2011 में हिना रब्बानी खार भारत आई थी । इस बैठक में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और चीन के विदेश मंत्री किन गांग भी शामिल होंगे ।बिलावल भुट्टो सिर्फ इस बैठक में शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि भुट्टो और भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के बीच सीधी यानी द्विपक्षीय बातचीत नहीं होगी ।इसकी सबसे बड़ी वजह आतंकवाद है. भारत साफ कर चुका है कि आतंकवाद पर चर्चा किए बिना पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं हो सकती. हाल ही में जयशंकर डोमिनिकन रिपब्लिक के दौरे पर थे. उस समय उन्होंने कहा था कि भारत ने पिछले एक दशक में ‘पड़ोसी पहले’ की नीति अपनाई है, लेकिन पाकिस्तान इसका अपवाद है क्योंकि वो सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करता है. दरअसल, पाकिस्तान इस बैठक को नजरअंदाज नहीं कर सकता था.

क्योंकि इस बैठक में चीन और रूस के विदेश मंत्री भी शामिल हो रहे हैं. पाकिस्तान इस वक्त आर्थिक संकट से जूझ रहा है. ऐसे में उसे रूस और चीन जैसे देशों की जरूरत है. इसके अलावा, ये भी माना जा रहा है कि SCO के सदस्य देश नहीं चाहते थे कि ये मंच भारत और पाकिस्तान की दुश्मनी का शिकार बने. इसलिए बिलावल भुट्टो इस बैठक में शामिल हो रहे हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो का इस बैठक में शामिल होना एक तरह से मजबूरी ही है. वो इसलिए क्योंकि इस समय पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बेहद बुरी स्थिति से गुजर रही है. ऐसे में भुट्टो चाहेंगे कि बैठक के जरिए सदस्य देशों से ट्रेड बढ़ाया जा सके, ताकि अर्थव्यवस्था मजबूत हो.

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