नई दिल्ली। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने भारत की रेटिंग को स्टेबल आउटलुक के साथ बीबीबी माइन्स/ए-3 (बीबीबी -) रखी है। एसएंडपी ने कहा कि भारत की रेटिंग का आउटलुक स्टेबल है। इसके अलावा रेटिंग एजेंसी ने साल 2016 में भारत की जीडपी ग्रोथ 7.9 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है। एजेंसी ने कहा कि भारत के लिए रेटिंग में दो साल कोई बदलाव होने की उम्मीद कम ही है।
रेटिंग बढ़ाना भारत पर निर्भरः एसएंडपी
ग्लोबल रेटिंग एसेंजी ने कहा कि रिफॉर्म्स और मौद्रिक स्थिति बेहतर होने से भारत की रेटिंग में और सुधार आ सकता है। इसके अलावा, यदि सरकार का कर्ज जीडीपी के 60 फीसदी से कम रहता है तो भी भारत की रेटिंग में इजाफा हो सकता है।
अगर ऐसा हुआ तो घट सकती है रेटिंग
एसएंडपी ने यह भी कहा कि अगर सरकार अपने एमपीसी टारगेट को पूरा नहीं कर पाई तो रेटिंग पर दबाव दोबारा बढ़ सकता है। इसके अलावा यदि ग्रोथ रेट उम्मीद के मुताबिक नहीं रहती है तो भी रेटिंग घट सकती है। एसएंडपी ने कहा कि सरकार को अपने विदेशी कर्ज को नियंत्रित करना होगा। अगर विदेशी कर्ज बढ़ता है तो भी रेटिंग घटने का खतरा है।
और क्या कहा…
– एसएंडपी ने कहा कि भारत की जीपीडी ग्रोथ 2016-18 के दौरान औसतन 8 फीसदी रह सकती है।
– साल 2016 में जीडीपी ग्रोथ 7.9 फीसदी रह सकती है।
– मार्च 2017 तक महंगाई का टारगेट 5 फीसदी रखा गया है।
– सरकारी बैंकों को 2019 तक 45 अरब डॉलर कैपिटल की जरूरत होगी।