लखनऊ , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार पर निशाना साधते हुए आज कहा कि सपा सरकार ने पुलिस को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का पाप किया है।
योगी ने आरोप लगाया कि चाहे सपा की सरकार रही हो या बसपा की, पहले प्रदेश में एफआईआर ही दर्ज नहीं होती थी। अपराध के आंकडों को छिपाकर पूर्व की सरकारें वाहवाही लूटती थीं।
उन्होंने विधानसभा में गृह और सामान्य प्रशासन के बजट पर चर्चा के अंत में कहा, पुलिस राजनीतिक हथियार के रूप में कैसे कार्य करे, जब ये दूषित मंशा हो तो प्रदेश में कानून का राज स्थापित नहीं कर सकते, जो पाप पूर्व सरकार ने किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सपा सरकार ने पुलिस को अपंग बना दिया था। पुलिस और प्रशासन की कार्यपद्धति को अवरूद्ध करने का प्रयास किया था। वे नहीं चाहते थे कि अच्छी पोलिसिंग हो, कम्युनिटी पोलिसिंग हो। पूर्व की सरकार नहीं चाहती थी कि पुलिस का व्यवहार दोस्ताना हो।
उन्होंने कहा, ये भाजपा सरकार आयी। हमने कहा कि एक फरियादी के साथ थाने में सही व्यवहार होना चाहिए। शिष्टता के साथ पेश आना चाहिए। शत प्रतिशत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
योगी ने कहा कि पूर्व में हत्या और गैंगरेप जैसे गंभीर अपराधों पर भी मंर्तियों के गैर जिम्मेदाराना और शर्मनाक बयान आया करते थे।
उन्होंने कहा, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आंकडों के मुताबिक उार प्रदेश में हमारी सरकार आने से पहले तीन साल में 450 से अधिक दंगे हुए।
योगी ने कहा, हमारी सरकार आने के बाद प्रदेश में चार महीने में एक भी दंगा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने अपने स्वार्थ के लिए प्रदेश को दंगों की आग में झाोंका। दंगों के घोषित अपराधियों को सपा का संरक्षण मिलता था।
योगी ने कहा, घोषित दंगाइयों को स्टेट प्लेन राजकीय विमान से लखनउु लाकर सीएम मुख्यमंत्री आवास में रखा जाता था और उनका महिमामंडन होता था। मुजफ्फरनगर दंगों में पूर्व सरकारों के मंर्तियों की संलिप्तता थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अभी चार महीने का कार्यकाल पूरा किया है।
कानून व्यवस्था के मुद्दे पर पूर्व की सपा और बसपा सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा, जिन लोगों ने पिछले 15 साल में प्रदेश को चारागाह बना दिया था। राजनीति का अपराधीकरण किया और अपराध का राजनीतिकरण किया।