संयुक्त अरब अमीरात में रहकर प्राइवेट कंपनियों में नौकरी करने वाले भारतीयों के लिए एक बुरी खबर है. यूएई ने निजी कंपनियों से कहा है कि वो अपने यहां काम करने वाले यूएई के लोगों का प्रतिशत बढ़ाएं. इसका मतलब यह हुआ कि प्रवासियों को नौकरी मिलने की संभावना कम हो जाएगी. यूएई में सबसे अधिक प्रवासी भारतीय हैं, इसलिए UAE सरकार के इस फैसले की सबसे अधिक मार भारतीयों पर ही पड़ेगी.
क्या है सरकार का आदेश?
UAE के मानव संसाधन और अमीरातीकरण मंत्रालय (Ministry of Human Resources and Emiratisation, MoHRE) ने प्राइवेट कंपनियों को आदेश दिया है कि वो प्रवासियों को कम संख्या में नौकरी पर रखें और देश के लोगों को अधिक संख्या में नौकरी दें.
साल 2022 में, निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए अमीरातीकरण (यूएई के लोगों को नौकरी देना) का लक्ष्य 2 प्रतिशत था. जो कंपनियां इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकीं, MoHRE ने उन्हें वित्तीय मदद भी दी थी ताकि वो अपने लक्ष्य को हासिल कर सकें.
सरकार का लक्ष्य है कि साल 2026 के अंत तक नौकरियों में 10 प्रतिशत का अमीरातीकरण हासिल कर लिया जाएगा. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने कंपनियों से 2023 में चार प्रतिशत का लक्ष्य हासिल करने के लिए कहा है.
प्रवासियों और यूएई की कंपनियों पर अमीरातीकरण का प्रभाव
देश के लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से यूएई की कैबिनेट ने अमीरातीकरण के दर को बढ़ाने का फैसला किया है. सरकार का कहना है कि इससे देश के लोगों को नौकरी के अधिक अवसर मिलेंगे जो देश को आगे बढ़ाने में मदद करेगा.
लेकिन इससे प्रवासियों के साथ-साथ यूएई की प्राइवेट कंपनियों को भी नुकसान होगा. प्रवासियों को नौकरी के अवसर कम मिलेंगे. वहीं कंपनियों के पास विकल्प बेहद कम रह जाएंगे. उन्हें यूएई के लोगों को नौकरी देने की मजबूरी होगी जिस कारण अपेक्षाकृत अधिक योग्य प्रवासियों को वे नौकरी पर नहीं रख सकेंगे. उन्हें कुछ ऐसे लोगों को भी नौकरी देनी पड़ेगी जो योग्य नहीं हैं.
क्या कहता है अमीरातीकरण नियम?
अमीरातीकरण नियम के तहत, संयुक्त अरब अमीरात में प्राइवेट कंपनियों को कर्मचारियों की संख्या के आधार पर कुछ लक्ष्यों को पूरा करना होता है. अगर किसी प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 50 से कम या उसके बराबर है, तो कंपनी में कम से कम एक अमीराती कर्मचारी होना चाहिए. 50 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों में कम से कम दो प्रतिशत अमीराती कर्मचारी होने चाहिए.