उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आगमन से जिले की बदहाली दूर होने की उम्मीदें

सिद्धार्थनगर  | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगामी 10 अगस्त 2017 को जिले के सम्भावित आगमन को लेकर अधिकारियों में वेचैनी है, कारण स्पष्ट है कि राज्य सरकार और केन्द्र सरकार द्वारा जो प्रमुख योजनाएं है उसे प्रशासन द्वारा मूर्तरूप नहीं दिया जा सका है, जनपद की जो प्रमुख घटनाएं दिन-प्रतिदिन रहती है उसमें राजस्व विवाद, चकबन्दी विवाद, पुलिस स्टेशनों पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्याप्त भ्रष्टाचार आम नागरिकों को राशनकार्ड बनवाने में हो रही दिक्कत तथा खाद्यी ग्रामोद्योग विभाग जिला उद्योग केन्द्र दुग्ध विकास विभाग मत्स्य पालन विभाग और राष्ट्रीय बैंको में किसान क्रेडिट कार्ड तथा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अधीन ऋणों को प्रदान करने में व्याप्त भ्रष्टाचार के अलावा स्वच्छता से सम्बन्धित नागरिकों पर सार्वजनिक और व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण तथा जिले में यहां तक कि सरकारी कार्यालयों तथा सार्वजनिक स्थलों एवं अदालतों में सफाई कर्मचारियों की कमियां उनके न काम करने से हर तरफ गंदगी से उत्पन्न वायु प्रदूषण और नानाप्रकार की बीमारियों की रोक थाम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के टीम का फेल होना तथा अस्पतालों में रक्त बैंक की कमी से प्रसूत्राओं की लगातार मौत के अलावा बच्चों के प्रयाप्त इलाज के लिये जिले में डाक्टरों का आभाव तथा जेई स्वाइन फ्लू और डेंगो जैसे बीमारियां के इलाज के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर समुचित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध न होना जहां जिले के नागरिकों को हैरान किये है, वहीं जिले में सभी व्यवस्था आॅनलाइन होने के बावजूद कम्प्यूटर केन्द्रों की बेहत कमी बहुलक नागरिकों को कम्प्यूटर शिक्षण का ज्ञान न होना तथा कृषि रक्षा रसायनों के नकली पैकटों की विक्री से किसानों को क्षति के अलावा जिले में खाद्य अपमिश्रण निवारण संगठन एवं खाद्य सुरक्षा के मामले में जिले में पूरी तरह व्याप्त लापरवाही और भ्रष्टाचार से ज्यादा समस्या शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार से जुड़ा है और इसकी निगरानी जिले में ही करने वाले टीमों की बेहत कमी है वहीं जी0एस0टी0 के नाम पर छोटे फुटकर व्यापारी शोषण के शिकार है। और उपभोक्ताओं से वे मनमानी पैसे वसूल रहे है, इनका कहना है कि यदि किसी कम्पनी से मात्र आठ हजार का माल मंगवाया जाता है तो उस पर जी0एस0टी0 लगने से 500 रूपये अतिरिक्त थोक व्यापारियों को देकर उतना उन सामानों पर मुनाफा नहीं कमाया जा सकता है और मजबूरन अन्तिम उपभोक्ता पर चार्ज आयद होता है, इसी प्रकारण निजी शिक्षण संस्थान जहां एडमिशन के नाम पर मनमानी फीस कक्षा 01 से कक्षा 08 तक के बच्चों से मोटी रकम वसूल रहे है वहीं बेसिक शिक्षा विभाग के नियंत्रण में चलने वाले विद्यालयों की दशा में बेहद खराब है यहीं हाल डी0आई0ओ0एस0 के निगरानी के अधीन हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट विद्यालय की स्थिति है, यही नहीं डिग्री स्तर के निजी शैक्षिक संस्थान सफेद हाथी बने हुए है और जिले में हर विभागों में सुविधा शुल्क के बिना कोई भी काम न हो पाने से जनता में कोई भी परिवर्तन नई सरकार के गठित होने से महसूस नहीं हो पा रहा है, जनप्रतिनिधि विभिन्न समस्याओं की निगरानी निर्देशों के बावजूद नहीं कर रहे है और जिले का पिछड़ापन और आर्थिक बदहाली के कारण हर तरफ नागरिकों में निराशा की झलक है, शोषण और अत्याचार से जिला उबर नहीं पाया है, जिस पर शायद ही मुख्यमंत्री निगरानी के लिये समय दे सके। किन्तु जिले में पहले बार उनके आगमन से जनपद में फिर भी उत्साह है और हाल ही में रक्षाबंधन पर लड़कियों और औरतो को मुफ्त रोडवेज यात्रा ने मुख्यमंत्री की नीतियों पर आम जनता का ध्यान आकृष्टि किया है।

 

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